वाराणसी की एक विशेष अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसले में उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (Gangster Act) के तहत दर्ज मामले में नामजद तीन अभियुक्तों— विक्की सेठ, बजरंगी श्रीवास्तव और पिण्टू यादव को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश, गैंगस्टर एक्ट, वाराणसी के न्यायालय द्वारा दिए गए इस फैसले को न्याय की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
यह मामला थाना शिवपुर, वाराणसी में वर्ष 2002 में दर्ज हुआ था (मु० अ० संख्या 78/2002, 79/2002, 80/2002)। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि तीनों अभियुक्तों का एक संगठित गिरोह है जो आर्थिक लाभ के लिए डकैती, चोरी और जानलेवा हमला जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त है।
बचाव पक्ष की जोरदार पैरवीमामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से सीनियर अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह, अधिवक्ता रितेश बहादुर सिंह व अधिवक्ता मुकेश सिंह केराकतपुर ने सशक्त और प्रभावी पैरवी की।
अधिवक्ताओं ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत किए गए मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्यों की गहन समीक्षा की और कोर्ट में तर्कसंगत दलील व बहस प्रस्तुत की।बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने न्यायालय के समक्ष यह साबित किया कि अभियोजन पक्ष अभियुक्तों के अपराध को सन्देह से परे साबित करने में विफल रहा।
उन्होंने यह तर्क दिया कि पुलिस ने रंजिशन और झूठे साक्ष्यों के आधार पर यह झूठा मुकदमा दर्ज किया था।न्यायालय ने बचाव पक्ष के तर्कों को स्वीकार करते हुए अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष अभियुक्तों पर लगे आरोपों को निःसंदेह प्रमाणित नहीं कर सका।
इसी आधार पर न्यायालय ने विक्की सेठ, बजरंगी श्रीवास्तव और पिण्टू यादव को गैंगस्टर एक्ट की धारा 3(1) के तहत लगाए गए आरोप से दोषमुक्त घोषित कर दिया।अदालत के इस निर्णय से तीनों अभियुक्तों और उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है, जिसके लिए उन्होंने अपने अधिवक्ताओं, विजय बहादुर सिंह, रितेश बहादुर सिंह और मुकेश सिंह केराकतपुर के प्रति आभार व्यक्त किया है।
रिपोर्ट – रामविलास यादव
