काशी के छोरे श्‍याम चौरसिया ने एक ऐसा बम बनाया है जिसके गिरने पर जानमाल का नुकसान नहीं होगा बल्कि जहां भी गिरेगा वहां के बड़े भूभाग को हरा-भरा कर देगा।

वाराणसी

काशी नगरी ने एक बार फिर पूरी दुनिया को शांति और हरियाली का संदेश देने का प्रयास किया है। आज जब दुनिया के कई देशों में घातक बमों के प्रयोग से विनाशलीला जारी है तब काशी के छोरे श्‍याम चौरसिया ने एक ऐसा बम बनाया है जिसके गिरने पर जानमाल का नुकसान नहीं होगा बल्कि जहां भी गिरेगा वहां के बड़े भूभाग को हरा-भरा कर देगा।


बड़े घातक बमों जैसे दिखने वाले इस बम को नाम दिया है। पांच फुट लंबा और 25 किलोग्राम वजनी ग्रीन न्‍यूक्लियर बम एक साथ कई करोड़ पौधे उगा सकता है। इसे विमान से लॉन्‍च या ड्रॉप करने पर जमीन पर गिरने से पहले इसमें भरे सौ से अधिक पौधों की प्रजातियों के एक करोड़ से अधिक बायो-न्‍यूट्रीशन बीज कैप्‍सूल काफी दूर तक फैल जाते हैं। हवा के संपर्क में आने पर इन बीज कैप्‍सूल को उगने में मदद मिलेगी।


ग्रीन न्‍यूक्लियर बम के निर्माता बनारस के श्‍याम चौरसिया को इनोवेशन मैन के रूप में जाना जाता है। इन्‍हें इनोवेशन के लिए कई राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार‍ मिल चुके हैं। उन्‍होंने दो वर्षों के अथक प्रयास से ग्रीन न्‍यूक्लियर बम तैयार करने में सफलता पाई है। फाइबर और मेटल बॉडी वाले एक बम को बनाने में 1.25 लाख रुपये खर्च आया है।

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