वाराणसी – दिनांक 22.08.2025 पीएम श्री राजकीय कवीस इण्टर कॉलेज, वाराणसी के प्रांगण में जनपदीय ‘कला उत्सव-2025 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय के प्रधानाचार्य, सुमीत कुमार श्रीवास्तव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, अति विशिष्ट अतिथि, विशिष्ट अतिथियों एवं अन्य विद्यालय के प्रधानाचार्यों, द्वारा संयुक्त रूप से भगवती सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
कला उत्सव-2025 में 12 विधाओं में जनपद के कई विद्यालयों के छात्र/छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस अवसर पर रवीन्द्र जायसवाल, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, स्टाम्प व न्यायालय एवं पंजी० विभाग उ०प्र० सरकार मुख्य अतिथि के रूप में, पीयूष मोडिया, अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन वाराणसी, अति विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ० नीलम गुप्ता, प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, वाराणसी, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

निर्णायक मण्डल में डॉ० रामानंद दीक्षित पूर्व प्रधानाचार्य, राजकीय क्वींस इण्टर कॉलेज, वाराणसी, डॉ० अजली शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर संगीत, डॉ० मालविका तिवारी, भारत अध्ययन केन्द्र का०हि० वि० वि० वाराणसी, डॉ० महेन्द्र नाथ तिवारी ‘अलंकार, प्रवक्ता संगीत, डॉ० शशिकांत नाग, असिस्टेंट प्रोफेसर, एवं डॉ० पूजा शर्मा विशेषज्ञ आर्ट एवं काफ्ट ने अपना अति महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में रवीन्द्र जायसवाल, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, स्टाम्प व न्यायालय एवं पजी० विभाग उ०प्र० सरकार, मुख्य अतिथि के रूप में अपने वक्तव्य में कहा- “काशी का कण-कण ही कलाकार निर्माण की क्षमता रखता है। काशी का स्वयं का कुछ न होते हुए भी काशी ने बाहर की प्रत्येक वस्तु से नवाचार के माध्यम से विश्वविश्रुत कलाकृति का निर्माण कर दिया इसके उदाहरण, बनारसी पान और बनारसी साड़ी है। काशी कलाकार निर्माण की भूमि है।

कला उत्सव कार्यक्रम उद्घाटन के बाद मुख्य अतिथि रवीन्द्र जायसवाल, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, स्टाम्प व न्यायालय एव पजी०विभाग उ०प्र० सरकार ने विद्यालय में नव प्रवेशी बालिका छात्राओं के उपयोग के लिए बनाये गये नये पिंक टॉयलेट का शिला पट्ट अनावरित कर लोकार्पण किया।
कला उत्सव-2025 के अति विशिष्ट अतिथि पीयूष मोर्डिया, अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन-वाराणसी ने प्रतियोगिता के लिए पधारे प्रतिभागी छात्र/छात्राओं को उद्बोधन वक्तव्य में कहा- “अपनी रुचि और प्राप्त नैसर्गिक क्षमताओं के अनुरूप अपने विकास पथ का निर्माण करना चाहिए। परिश्रम में सातत्य के साथ क्षमता का भी बड़ा योगदान होता है। समाजोपयोगी बनने में पारस्परिक सद्भाव और सहयोग परमश्रेय तक पहुँचाता है।

अपने उद्बोधन के बाद अति विशिष्ट अतिथि के द्वारा विद्यालय के अधिवर्षता आयु तक पहुंच रहे कर्मठ कर्मचारियों- बिहारी लाल एव परिचारक हौशिला प्रसाद पाण्डेय को अनले हाथ से नवनिर्मित पहचान पत्र धारण कराकर सम्मानित किया।कला उत्सव-2025 की विशिष्ट अतिथि डॉ० नीलम गुप्ता, प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, वाराणसी ने कहा- “कला की प्राप्ति का एक मात्र विकल्प कठोर परिश्रम है। छात्र/छात्राओं को अपने जीवन में परिश्रम पूर्वक ज्ञानार्जन को सर्वोपरि स्थान देना चाहिए।
जनपदीय ‘कला उत्सव-2025 की नोडल नेहा सिंह, सहायक अध्यापिका रा०क्वींस इन्का०, वाराणसी, रही। कार्यक्रम का सुमधुर संचालन विद्यालय की प्रवक्ता, डॉ० विजय भारतीय सिंह द्वारा किया गया।


कार्यक्रम में विद्यालय की शिक्षिकाओं डॉ० शुभा श्रीवास्तव, ल श्वेता अग्रवाल, जया सिंह , निवेदिता सिंह , सुमी मिश्रा , स्वर्गलता सिंह, प्रतीक्षा चौरसिया, दीपिका कमल कश्यप, इशिका पाल एवं पूनम राय ने अपना महनीय सहयोग प्रदान किया। विनोद कुमार सिंह, सुजीत गॉड, अवनीन्द्र कुमार सिंह द्वारा समस्त कार्यक्रम में साज-सज्जा एवं स्वच्छता सहयोग प्रदान किया गया।
