वाराणसी – वाराणसी के रामनगर किले गुरु नानक देव जी का ज्योति ज्योत दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सुबह से सुखमनी साहिब जी का पाठ और पंज बानी का पाठ किया गया, जिसके बाद कीर्तन पूरा किया गया।
गुरु नानक देव जी ने 70 साल पांच महीने 7 दिन की पातशाही करने के बाद असूज सुदी 10 संवत 1539 को करतारपुर में ज्योति ज्योत समाए थे।
राजा अनंत नारायण ने माठा टेका और आशीर्वाद लिया, जिससे श्रद्धालुओं में उत्साह और आस्था बढ़ी। बड़ी संख्या में सिख धर्मावलंबी रामनगर किले में जुटे और गुरु नानक देव जी की याद में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया।
गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के दस गुरुओं में से प्रथम गुरु माने जाते हैं। उनका जन्म कार्तिक पूर्णिमा को संवत 1527 अथवा 15 अप्रैल 1469 को राय भोई की तलवंडी में हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब में है।
गुरु नानक देव जी ने समाज में फैले अंधविश्वास, घृणा, भेदभाव को दूर करने के लिए सिख संप्रदाय की नींव रखी और लोगों को आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया।
