वाराणसी –
विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) सुशील कुमार खरवार की अदालत ने जाली व कूटरचित दस्तावेज बैनामा लेने के रोहनिया थाने के एक मामले में आरोपित को बड़ी राहत दे दी। भभुआ, बक्सर (बिहार) निवासी आरोपी व यूपी कालेज छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रशान्त कुमार पाण्डेय को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की अदालत ने 50-50 हजार रुपए की दो जमानते एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी व उनके सहयोगी संजय पटेल, आशुतोष पाठक ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष की ओर से वादी मुकदमा सुनील कुमार सिंह, बीरेन्द्र सिंह, अजय कुमार सिंह तथा अरविंद सिंह द्वारा 19 जून 2025 को थाना रोहनिया में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि सह अभियुक्त अनिल कुमार सिंह द्वारा वादी के पिता के जीवित रहते ही उनको मृत घोषित दिखाकर फर्जी ढंग से तहसील में पिता रघुनाथ सिंह का स्वयं को वारिस घोषित नामांतरण करा लिया और जमीन का मालिक बनकर उसे सबसे पहले सुभाष चंद्र यादव को विक्रय कर दिया। सुभाषचंद्र यादव ने अभियुक्त प्रशान्त पाण्डेय को उसी जमीन को विक्रय कर दिया और जब इस फर्जी वाड़े की जानकारी हुई तब प्रशान्त पाण्डेय ने उक्त जमीन को बृजेश कुमार राय व पूजा राय को विक्रय कर दिया। इस प्रकार सभी लोगों ने मिलकर फर्जीवाड़ा किया है।