वाराणसी – बीएचयू के संगीत एवं मंच कला संकाय के नृत्य विभाग की ओर से कौस्तुभ वर्ष के अंतर्गत “कॉन्फ्लुएंस 2 (Scientific Approaches and Management Behind Performing Arts)” शीर्षक से अंतरविषयी व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन 2 अगस्त से 8 अगस्त तक किया जा रहा है।
इस श्रृंखला का उद्देश्य प्रदर्शन कलाओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण और प्रबंधन की समकालीन अवधारणाओं के साथ जोड़ना है।इस शृंखला का आयोजन संकाय प्रमुख प्रो. संगीता पंडित के संरक्षण और नृत्य विभागाध्यक्ष प्रो. विधि नागर के संयोजन में किया गया।
उद्घाटन समारोह में मां सरस्वती, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय तथा संगीत मार्तंड पंडित ओंकारनाथ ठाकुर के विग्रहों पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
मुख्य वक्ता डॉ. संकल्प झा का स्वागत अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न देकर किया गया। डॉ. रंजना उपाध्याय द्वारा दिए गए स्वागत भाषण में व्याख्यान श्रृंखला की अवधारणा, उद्देश्य और इसकी आवश्यकता को विस्तार से रेखांकित किया गया।
श्रृंखला के दूसरे दिन (4 अगस्त) मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित आईएमएस, बीएचयू के शरीर क्रिया विज्ञान विभाग में इंटरवेंशन न्यूरो-फिजियोलॉजी (लाइफस्टाइल मेडिसिन, स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज लैब) में सहायक प्राध्यापक डॉ. संकल्प झा ने “काइनेसियोथेरेपी” विषय पर वैज्ञानिक, सूक्ष्म और व्यावहारिक दृष्टिकोण से व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डॉ. झा ने नर्तकों की शारीरिक संरचना, मांसपेशियों की सक्रियता, संतुलन, थकान प्रबंधन और चोटों से उबरने में काइनेसियोथेरेपी की भूमिका को विस्तार से समझाया। उन्होंने केस स्टडीज़, चार्ट और चित्रों के माध्यम से विषय को सरलता से प्रस्तुत किया, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को विषय की गहराई से समझ मिल सकी।
व्याख्यान के बाद छात्रों और शोधार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे, जिनमें उन्होंने नृत्य करते समय होने वाली शारीरिक समस्याओं और उनके समाधान को लेकर जिज्ञासा व्यक्त की। डॉ. झा ने सभी प्रश्नों का विस्तारपूर्वक उत्तर देते हुए विषय की व्यावहारिकता को और स्पष्ट किया।
कार्यक्रम का संचालन नृत्य विभाग की शोधार्थी शिखा रमेश और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. खिलेश्वरी पटेल द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं नृत्य-संगीत क्षेत्र से जुड़ी विशिष्ट हस्तियां उपस्थित रहीं।