छाया खरें (स०अ० आर्य गहिला इ०का०) को विशेष रुप से सम्मानित किया गया।

प्रधानाचार्य चिंतन शिविर का विषय स्थापन करते हुए डॉ अखिलेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा मे गुणवत्ता, नवाचार, डिजिटल शिक्षण एवं छात्रों के समग्र विकास में प्रधानाचार्यों की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

दूसरी तरफ तदर्थ प्रधानाचार्यों का विनियमितीकरण, त्रिस्तरीय वेतनमान देना, आउटसोर्सिग नियुक्ति पर रोक लगाने, माध्यमिक विद्यालयों में सरकार द्वारा सोलर उर्जा संयत्र लगाने, काले में सामान्य दर पर विजली बिल का भुगतान करने आदि समस्याओं के तत्काल समाधान की आवश्यकता है।

कार्यकम में मुख्य रूप से डॉ० जितेन्द्र सिंह पटेल (प्रान्तीय संगठन महामंत्री), डॉ० अनुराग मिश्रा (प्रधानाचार्य), डॉ० राजेश पाण्डेय (जिला मंत्री), नन्दजी उपध्याय, डॉ० बेनीमाधव,  मीता गंगवार, माया शंकर यादव, आनंद विहारी उपध्याय, डॉ० सतीश चन्द्र मिश्रा, राजीव लोचन शुक्ला,  सतीश चन्द्र सिंह, डॉ० अरविंद चौबे, डॉ० राजेश त्रिपाठी, डॉ० प्रेमनारायण श्रीवास्तव एवं नीतीश कुमार मिश्र आदि ने अपना विचार व्यक्त किया।

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