वाराणसी – दीपावली के पावन अवसर पर सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम परिसर स्थित श्री अन्नपूर्णा देवी मंदिर में श्रद्धा और भक्ति का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा। प्रातःकाल से ही भक्तों की लंबी कतारें मंदिर के बाहर लग गईं। दर्शन के लिए आए श्रद्धालु गेट नंबर एक से होकर बॉसफाटक तक पहुंच चुकी कतार में घंटों खड़े होकर मां के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त किया। दो दिनों में लगभग पांच लाख श्रद्धालुओं ने मां के दिव्य स्वरूप का दर्शन किया। मंदिर प्रबंधन की ओर से अन्नकूट की तैयारी पूरी कर ली गई है।
मंदिर के महंत शंकरपुरी ने दीपावली की संध्या पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा देवी के समक्ष 51 दीप प्रज्वलित कर देश की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा, “जिस प्रकार दीप ज्योति से अंधकार का नाश होता है, उसी प्रकार मां अन्नपूर्णा की कृपा से हमारा देश हमेशा उज्ज्वल और समृद्ध बना रहे।” महंत के साथ-साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भी देवी के दरबार में दीप दान कर देश के कल्याण की प्रार्थना की।
अन्नकूट महोत्सव की तैयारियां पूरी
मंदिर प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कि अन्नकूट पर्व की तैयारियां जोरों पर हैं। पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों कारीगर अन्नकूट प्रसाद तैयार करने में जुटे हैं। इस बार मां अन्नपूर्णा की अन्नकूट झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मंदिर परिसर को पारंपरिक सजावट के साथ फूलों और दीपों से भव्य रूप दिया गया है।
दो दिनों में पहुंचे पांच लाख श्रद्धालु
दीपावली और धनतेरस के बाद से अब तक लगभग पांच लाख से अधिक भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। भक्तों के बढ़ते उत्साह को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। हरिद्वार से आए स्वामी शिवानंद गिरी, प्रदीप श्रीवास्तव, धीरेन्द्र सिंह, राकेश तोमर सहित मंदिर परिवार के सदस्यों ने भक्तों की सेवा और व्यवस्था में विशेष सहयोग दिया।
दीपों की जगमगाहट और भक्ति की गूंज से काशी का वातावरण पूर्णतः आध्यात्मिक हो उठा। श्रद्धालुओं ने मां अन्नपूर्णा से देशभर में समृद्धि, शांति और सुख की कामना की। कहा जा सकता है कि दीपावली की रात काशी सचमुच “अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी आभा” से आलोकित रही।
