अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकी देते हुए कहा कि जो देश ब्रिक्स की “अमेरिका विरोधी नीतियों” का समर्थन करेंगे,

उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इसके जवाब में चीन ने पलटवार करते हुए कहा कि ब्रिक्स समूह उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है और यह किसी भी देश के खिलाफ टकराव में शामिल नहीं है।

चीन की प्रतिक्रिया

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि ब्रिक्स खुलेपन, समावेशन और सभी के फायदे के लिए सहयोग की वकालत करता है। उन्होंने यह भी कहा कि टैरिफ लगाने से किसी भी देश को फायदा नहीं होता है, बल्कि इससे नुकसान होता है। माओ निंग ने ट्रंप की धमकी की निंदा करते हुए कहा कि ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में एक सकारात्मक शक्ति है।

ब्रिक्स समूह

ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। हाल ही में इसका विस्तार करते हुए मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को इसमें शामिल किया गया है। ब्रिक्स समूह के नेता छह-सात जुलाई को 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील में मिले थे।

ट्रंप की धमकी

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल‘ पर लिखा कि ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ने वाले किसी भी देश पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इसमें कोई अपवाद नहीं होगा। ट्रंप की इस धमकी के बाद दुनिया भर में इसकी निंदा हो रही है

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