500 करोड़ के विदेशी फंडिंग नेटवर्क का शक, ईडी और एटीएस की संयुक्त जांच जारी, सरकारी ज़मीन पर कब्ज़े को लेकर भी होगी 8.55 लाख की वसूली
लखनऊ:
धर्मांतरण रैकेट के कथित सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी करीबी सहयोगी नीतू को बुधवार को जेल भेज दिया गया। एटीएस (ATS) ने कोर्ट को सूचित किया कि उन्हें फिलहाल छांगुर बाबा की रिमांड की आवश्यकता नहीं है, जिसके बाद अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।
गिरफ्तारी के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए छांगुर बाबा ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा — “मैं निर्दोष हूं, मुझे कुछ नहीं पता।” यह बयान उस समय आया जब उसे मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था।
मजबूरन धर्मांतरण का नेटवर्क: महिलाओं और नाबालिगों को बनाया गया निशाना
ATS सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा एक ऐसे संगठित नेटवर्क का हिस्सा था जो आर्थिक लालच, धोखे और भावनात्मक दबाव के जरिए कमजोर वर्ग, विशेषकर हिंदू महिलाओं और नाबालिगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था। यह नेटवर्क व्यापक पैमाने पर काम कर रहा था और इसमें कई सहयोगी शामिल थे।
विदेशी फंडिंग का संदेह: 500 करोड़ की संदिग्ध रकम
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और एटीएस की संयुक्त जांच में यह सामने आया है कि छांगुर बाबा और उसके कथित सहयोगियों के लगभग 40 बैंक खातों में करीब ₹500 करोड़ से अधिक की रकम जमा पाई गई है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि यह फंड खाड़ी देशों और संभवतः पाकिस्तान से आया है और इसका उपयोग धर्मांतरण संबंधी गतिविधियों में किया गया।
सरकारी ज़मीन पर कब्ज़े का मामला, प्रशासन वसूलेगा ₹8.55 लाख
बलरामपुर जिले में छांगुर बाबा के खिलाफ अवैध कब्ज़ा और निर्माण को लेकर भी बड़ी कार्रवाई की गई है। जिला प्रशासन ने बताया कि उतरौला तहसील के मधपुर गांव में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कराया गया था। नोटिस के बावजूद कब्ज़ा न हटाने पर प्रशासन ने तीन दिनों तक 8 बुलडोजर चलाकर निर्माण ढहाया।
इस ध्वस्तीकरण में ₹8.55 लाख खर्च आया है, जिसे अब जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके साथियों से वसूला जाएगा।
इस हाई-प्रोफाइल मामले ने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन को सतर्क कर दिया है। अब पूरे नेटवर्क की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।