बांदा के अतर्रा ब्लॉक महुवा के ग्राम पंचायत खम्हौरा में जनता दल यूनाइटेड(जदयू)के बैनर तले गांधी-शास्त्री जयंती पर आयोजित सामाजिक न्याय संकल्प समारोह ऐतिहासिक बन गया।सभास्थल पर उमड़े जनसैलाब ने यह साबित कर दिया कि जदयू बुंदेलखंड की राजनीति में अब वैचारिक नेतृत्व देने को तैयार है।
आयोजन के मुख्य संयोजक जदयू ब्लॉक अध्यक्ष भुनेश्वर तिवारी उर्फ बाली तिवारी रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष उमा कांत सविता ने की और संचालन समाजसेवी उमेश तिवारी ने किया।
मुख्य अतिथि,जदयू उत्तर प्रदेश की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं बुंदेलखंड प्रभारी शालिनी सिंह पटेल ने कहा—> “गांधी और शास्त्री हमारे लोकतांत्रिक संस्कारों के जीवंत प्रतीक हैं।आज हमें उनके विचारों—सत्य,अहिंसा,त्याग और सामाजिक न्याय—को जीवन और राजनीति दोनों में उतारने की जरूरत है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष पिंकी प्रजापति और अति विशिष्ट अतिथि के रूप में जदयू जिला उपाध्यक्ष सद्दाम हुसैन मौजूद रहे।युवा प्रकोष्ठ से जिला सचिव हरिराज पटेल तथा जिला अध्यक्ष ने भी विचार रखे।
मुख्य वक्ता प्रदेश महासचिव ब्रजनेश सिंह ने कहा कि “जदयू ही वह दल है जो ईमानदार नेतृत्व और सामाजिक न्याय की विचारधारा के साथ जनता के बीच मजबूती से खड़ा है।”सभा को संबोधित करते हुए जदयू जिला उपाध्यक्ष सद्दाम हुसैन ने कहा—“गांधी-शास्त्री ने हमें सिखाया कि सत्ता जनता की सेवा का माध्यम है,राजसुख का साधन नहीं।
आज जदयू उन्हीं मूल्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेकर निकला है।यह आंदोलन अब रुकने वाला नहीं।
राजेश पैंथर ने अपने संबोधन में कहा—“गांधी और शास्त्री का जीवन त्याग और सादगी की मिसाल है।आज जब राजनीति में दिखावा और स्वार्थ हावी है,जदयू ही वह पार्टी है जो सच्चाई,संघर्ष और सेवा भाव से राजनीति कर रही है।हमारा संकल्प है कि गरीब, पिछड़े, महिलाओं और युवाओं को न्याय दिलाकर समाज में समानता स्थापित की जाए।
इसके अलावा बाबूलाल चौधरी(जिलाध्यक्ष),सोमदत्त बाजपेई(नगर अध्यक्ष,अतर्रा युवा प्रकोष्ठ),आदित्य निगम(प्रदेश सचिव), काशी प्रसाद याज्ञिक जिला अध्यक्ष नगर विकास प्रकोष्ठ बांदा,ज्योति मौर्य नगर अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ अतर्रा चंद्रप्रकाश धुरिया(पूर्व नगर अध्यक्ष), (खम्हौरा ग्राम प्रधान),सुखराम प्रजापति सहित अनेक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विचार रखे।
महिलाओं,युवाओं और बुजुर्गों की भारी भागीदारी ने समारोह को जनांदोलन का स्वरूप दे दिया।
इस कार्यक्रम ने यह साफ संदेश दिया कि जदयू अब सिर्फ संगठनात्मक स्तर पर सक्रिय नहीं, बल्कि वैचारिक और राजनीतिक नेतृत्व देने के लिए भी तैयार है।
रिपोर्ट – सुनील यादव
