रोमानिया में भीषण तूफान का कहर, बुखारेस्ट समेत 14 जिलों में भारी तबाही; एक महिला की मौत, कई घायल

तेज हवाओं और भारी बारिश से मची तबाही, सैकड़ों पेड़ गिरे, छतें उड़ीं, विमान हवा में चक्कर काटते रहे; कोड रेड और कोड ऑरेंज अलर्ट जारी


रोमानिया में मौसम का कहर एक बार फिर देखने को मिला जब राजधानी बुखारेस्ट समेत 14 जिलों में एक भीषण तूफान ने तबाही मचा दी। तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। एक महिला की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं। सरकारी एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं जबकि प्रशासन ने कई जिलों में कोड रेड और कोड ऑरेंज की चेतावनी जारी कर दी है।


तूफान से तबाही का पूरा दृश्य

देश के आपातकालीन स्थितियों के विभाग (DSU) के अनुसार, यह तूफान 17 जुलाई सुबह 7:00 बजे से 18 जुलाई सुबह 7:00 बजे तक सक्रिय रहा और इस दौरान बुखारेस्ट, इलफोव, जिउर्जु, कोंस्तांता, बुज़ाऊ, आर्गेश, तुल्चिया, ब्रासोव, बाकाउ, मुरेश, यालोमित्सा, प्राहोवा, डम्बोविटा, व्रांचेया और टेलिओरमान जिलों में व्यापक तबाही हुई।

तूफान की तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सड़कों पर पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे टूट गए, और कई इमारतों की छतें हवा में उड़ गईं। बाढ़ जैसी स्थिति से कई घरों और बेसमेंट में पानी भर गया, जिन्हें निकालने के लिए राहतकर्मी जुटे हैं।


मौत और घायल की पुष्टि

इलफोव काउंटी के ओटोपेनी इलाके में एक दर्दनाक घटना हुई, जहां 49 वर्षीय महिला अपने फ्लैट में थीं तभी पड़ोस की इमारत से उड़ा हुआ छत का हिस्सा उनके ऊपर गिर गया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
बुखारेस्ट में भी दो लोग पेड़ों की शाखाएं गिरने से घायल हुए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत स्थिर है।


एयरपोर्ट से लेकर सड़कों तक प्रभावित

बुखारेस्ट का हेनरी कोंडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी तूफान की चपेट में आया। लगभग 15 विमानों को लैंडिंग में देर हुई और उन्हें कुछ समय तक हवा में चक्कर लगाना पड़ा।
A1 मोटरवे पर गिरे साइनबोर्ड और पेड़ों के कारण ट्रैफिक ठप हो गया, जिसे बाद में हटाकर बहाल किया गया।


सरकार की ओर से चेतावनी और राहत कार्य

प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में जन चेतावनी प्रणाली के जरिए अलर्ट भेजा और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की।
आपातकालीन विभागों द्वारा राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं – सड़क से गिरे पेड़ हटाए जा रहे हैं, पानी निकाला जा रहा है और ट्रैफिक बहाली के प्रयास जारी हैं।


जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा

विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना एक बार फिर जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की गंभीरता को रेखांकित करती है। यूरोप में पिछले कुछ वर्षों में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे लंबे समय के पर्यावरणीय और शहरी सुरक्षा नीति की जरूरत महसूस की जा रही है।

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