मुख्य बातें
- गूगल का 15 अरब डॉलर का निवेश आंध्र प्रदेश में
- तमिलनाडु में AIADMK और DMK आमने-सामने
- नारा लोकेश के “He Chose Bharat” बयान से बढ़ी राजनीतिक गरमी
गूगल द्वारा 15 अरब डॉलर का निवेश आंध्र प्रदेश में करने के फैसले ने तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मचा दी है।
आंध्र प्रदेश में यह निवेश एक डेटा और एआई हब विकसित करने के लिए किया जा रहा है।
इस फैसले पर AIADMK ने सत्तारूढ़ DMK सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष का आरोप है कि सुंदर पिचाई तमिलनाडु के रहने वाले होने के बावजूद, मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की सरकार राज्य में गूगल का निवेश आकर्षित करने में असफल रही।
AIADMK का DMK पर आरोप
AIADMK नेता आर.बी. उदयकुमार ने कहा,
“यह ऐतिहासिक मौका था, लेकिन DMK सरकार की निष्क्रियता और दूरदर्शिता की कमी के कारण यह प्रोजेक्ट आंध्र प्रदेश चला गया। सुंदर पिचाई तमिल हैं, फिर भी राज्य सरकार उन्हें आमंत्रित करने में नाकाम रही।”
AIADMK प्रमुख एडप्पाडी पलानीस्वामी ने भी कहा कि स्टालिन सरकार तमिलनाडु को बड़े निवेश से वंचित कर रही है।
DMK का पलटवार
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टी.आर.बी. राजा ने कहा कि राज्य को पहले ही फॉक्सकॉन की 15 हजार करोड़ रुपये की परियोजना मिल चुकी है, जो आईफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसें बनाएगी।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु निवेशकों के लिए अब भी सबसे आकर्षक राज्य है।
नारा लोकेश का बयान और सोशल मीडिया पर बवाल
उधर, आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सिर्फ तीन शब्द लिखे —
“He Chose Bharat”
यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई और तमिलनाडु की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी।
कर्नाटक पर भी तंज
यह पहला मौका नहीं जब लोकेश ने ऐसा तंज कसा हो।
पिछले हफ्ते उन्होंने गूगल निवेश की घोषणा के बाद एक्स (X) पर लिखा था —
“Karnataka is feeling the burn.”
यह बयान तब आया जब कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियंक खड़गे ने लोकेश पर कंपनियों को अपने राज्य में लुभाने का आरोप लगाया था।
दरअसल, बेंगलुरु के एक बिजनेस मालिक राजेश याबाजी ने शहर की खराब सड़कों और ट्रैफिक से परेशान होकर ऑफिस शिफ्ट करने की बात कही थी, जिस पर लोकेश ने विजाग (विशाखापट्टनम) को बेहतर विकल्प बताया था।
यहीं से राज्यों के बीच यह जुबानी जंग शुरू हुई थी।
