चंदौली
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से 23 जून को मिलकर ईशान मिल्की ने मुगलसराय के मिल्कीपुर गांव में बन रहे बंदरगाह के संदर्भ में अवगत कराया था जिस पर अखिलेश यादव ने संज्ञान लेते हुए 28 जून को उनके एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की तथा प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से उक्त प्रकरण से अवगत कराया
प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन देकर तहसील मुगलसराय चंदौली के ग्राम ताहिरपुर मिल्कीपुर के निवासियों ने बंदरगाह के नाम पर गांवों की पुश्तैनी जमीन को अधिग्रहण से मुक्त रखने हेतु मार्मिक अनुरोध किया है। ईशान मिल्की ने बताया कि बंदरगाह एवं फ्रंट विलेज जैसी औद्योगिक परियोजना हेतु अधिग्रहण के नाम पर ताहिरपुर, मिल्कीपुर, रसूलागंज और छोटा मिर्जापुर की गरीब जनता को उजाड़ने की साजिशें हो रही है।
ज्ञापन पर ईशान मिल्की, नफीस अहमद, विनय मौर्य, वीरेन्द्र कुमार साहनी, आस मोहम्मद, अखिलेश सिंह, चंद्र प्रकाश मौर्य, डब्लू साहनी, सुरेश कुमार तथा अरविन्द कुमार सिंह के भी हस्ताक्षर है। उन्होंने श्री अखिलेश यादव से भेंटकर अपनी पीड़ा बताई। ज्ञापन के अनुसार इस क्षेत्र में 70 प्रतिशत आबादी माझी समाज की है जो पीढ़ियों से संगम के किनारे मछली पकड़ने, नांव चलाकर आजीविका कमाते हैं।
विगत 20 मई को चंदौली जनपद के मुगलसराय उपजिलाधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के तीन बुलडोजर तथा भारी पुलिस फोर्स लेकर गांव पहुंचे जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया। बताया गया कि चंदौली समाजवादी पार्टी इस जबरन अधिग्रहण का विरोध किया है तथा हर परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता गांव वालों के साथ खड़े रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार जहां भी इसको गरीबों की जमीन खाली दिखाई देती है वह उसे हथियाने की कोशिश करने में लगी हैं इस सरकार में संविधान और लोकतंत्र का हनन किया जा रहा है इस विपदा की घड़ी में पूरी की पूरी समाजवादी पार्टी गांव वालों के साथ खड़ी है और बिना उनकी सहमति के उनकी जमीन नहीं ली जा सकती हैं
साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि बहुत जल्द एक प्रतिनिधि मंडल भेजा जाएगा तथा सदन में भी इस मामले को उठाया जाएगा शिक्षक विद्याधर का कहना है कि स्थानीय लोग आशंका और भय में जी रहे हैं। वे अहिंसक प्रतिरोध करेंगे, मारेंगे नहीं पर मानेंगे भी नहीं।