टीम इंडिया के उप-कप्तान ऋषभ पंत को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया है। पंत को लेवल-1 के उल्लंघन का दोषी मानते हुए एक डिमेरिट पॉइंट दिया गया है। यह मामला इंग्लैंड दौरे पर चल रहे हेडिंग्ले टेस्ट के तीसरे दिन का है, जब पंत बॉल बदलने के मुद्दे पर फील्ड अंपायर से उलझ पड़े थे।
पंत ने मानी गलती, नहीं हुआ आर्थिक जुर्माना
ICC की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पंत ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और मैच रेफरी रिची रिचर्डसन द्वारा दी गई सजा को बिना किसी विवाद के मान लिया है। पंत पर कोई आर्थिक दंड नहीं लगाया गया है क्योंकि यह उनका 24 महीने में पहला अपराध है।
क्या होता है डिमेरिट पॉइंट?
ICC के नियमों के अनुसार,
अगर किसी खिलाड़ी को 24 महीने की अवधि में 4 डिमेरिट पॉइंट मिल जाते हैं, तो उसे एक मैच के लिए निलंबित कर दिया जाता है।
इस लिहाज से पंत को फिलहाल सिर्फ चेतावनी और रिकॉर्ड पर एक अंक मिला है, लेकिन आगे और किसी अनुशासनहीनता की स्थिति में यह भविष्य पर असर डाल सकता है।
क्या था मामला?
तीसरे दिन इंग्लैंड की दूसरी पारी के दौरान भारतीय टीम ने गेंद की स्थिति को लेकर आपत्ति जताई थी और बॉल बदलने की मांग की थी। इस पर पंत की अंपायरों से तेज बहस हो गई, जिसे ICC ने खेल भावना के विरुद्ध माना।
टीम इंडिया के लिए चेतावनी का संकेत
ऋषभ पंत टीम इंडिया के उप-कप्तान हैं और ऐसे में उनका यह व्यवहार ICC की नजरों में अनुचित पाया गया। यह घटना भारत-इंग्लैंड सीरीज के पहले टेस्ट के बीच हुई, जो एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तहत खेला जा रहा है।
