गुरुग्राम जमीन घोटाले में ईडी ने दाखिल की चार्जशीट, 43 संपत्तियां कुर्क; राहुल गांधी बोले- यह सियासी बदले की कार्रवाई
नई दिल्ली | रिपोर्ट: अविनाश राय
गुरुग्राम जमीन घोटाले से जुड़े मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा सोनिया गांधी के दामाद और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दायर किए जाने के बाद राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि यह कार्रवाई एक “राजनीतिक षडयंत्र” का हिस्सा है और उनके परिवार को वर्षों से निशाना बनाया जा रहा है।
राहुल गांधी का ट्वीट: सरकार साजिश कर रही है
राहुल गांधी ने लिखा,
“मेरे जीजाजी को पिछले दस सालों से यह सरकार परेशान कर रही है। यह ताजा आरोपपत्र उसी षडयंत्र का एक और हिस्सा है। मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ हूं क्योंकि उन्हें दुर्भावनापूर्ण, राजनीतिक रूप से प्रेरित बदनामी और उत्पीड़न का एक और हमला झेलना पड़ रहा है। मुझे पता है कि वे सभी किसी भी तरह के उत्पीड़न का सामना करने के लिए पर्याप्त बहादुर हैं और वे गरिमा के साथ ऐसा करते रहेंगे। आखिरकार सच्चाई की जीत होगी।”
क्या है पूरा मामला?
गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव (सेक्टर 83) में 3.53 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ा यह मामला पहली बार 1 सितंबर 2018 को एफआईआर (नं. 288) दर्ज होने के बाद सामने आया। आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. ने यह जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. से 2008 में खरीदी, और बिना परियोजना पूरी किए ही 58 करोड़ रुपये में बेच दी गई।
चार्जशीट के मुताबिक, जमीन की खरीद में फर्जी दस्तावेज और प्रभाव का दुरुपयोग कर कमर्शियल लाइसेंस हासिल किया गया था।
ईडी की कार्रवाई: कुर्क की गईं 43 संपत्तियां
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 16 जुलाई 2025 को रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों की कुल 43 अचल संपत्तियां, जिनकी अनुमानित कीमत 37.64 करोड़ रुपये है, अस्थायी रूप से कुर्क कर दी हैं। इनमें स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. की संपत्तियां भी शामिल हैं।
इसके बाद 17 जुलाई को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में वाड्रा सहित 11 व्यक्तियों/संस्थाओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।
कांग्रेस का रुख: बदले की कार्रवाई
कांग्रेस पार्टी इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध की दृष्टि से देख रही है। राहुल गांधी के बयान को भी पार्टी के रुख का हिस्सा माना जा रहा है, जहां वाड्रा को निशाना बनाए जाने को चुनावी फायदे और दबाव की रणनीति बताया जा रहा है।
भविष्य की स्थिति
अब यह देखना होगा कि अदालत में चार्जशीट पर सुनवाई किस दिशा में जाती है। वहीं, यह मामला राजनीतिक मोर्चे पर भी तेज होता नजर आ रहा है, खासकर तब जब विपक्ष केंद्र सरकार पर संस्थानों के दुरुपयोग का आरोप लगाता रहा है।