राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 14 जुलाई को जारी की अधिसूचना, बी. डी. मिश्रा का इस्तीफा स्वीकार, प्रो. घोष, अशोक गजपति राजू और कविंदर गुप्ता को जिम्मेदारी
नई दिल्ली
देश में राज्यपाल और उपराज्यपाल स्तर पर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। सोमवार, 14 जुलाई 2025 को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में नए राज्यपाल और उपराज्यपाल की नियुक्ति को मंजूरी दी। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, तीनों नए नियुक्त अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में अनुभवी, सम्मानित और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी पृष्ठभूमि रखते हैं।
कौन हैं नए राज्यपाल और उपराज्यपाल?
🟩 हरियाणा:
प्रोफेसर आशिम कुमार घोष को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद और राजनीतिक विचारक हैं। उन्होंने बंडारू दत्तात्रेय का स्थान लिया है। शिक्षा और नीति अध्ययन के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव माना जा रहा है कि हरियाणा के शैक्षिक और सामाजिक विकास को नई दिशा देगा।
🟩 गोवा:
पुसापति अशोक गजपति राजू, जो देश के पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं, को गोवा का नया राज्यपाल बनाया गया है। वे अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं और उन्होंने पीएस श्रीधरन पिल्लई की जगह ली है। गोवा जैसे पर्यटन और रणनीतिक दृष्टि से अहम राज्य में उनकी नियुक्ति को एक संतुलित निर्णय माना जा रहा है।
🟩 लद्दाख:
कविंदर गुप्ता, भाजपा के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री, को लद्दाख का नया उपराज्यपाल बनाया गया है। उन्होंने ब्रिगेडियर (डॉ.) बी. डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) का स्थान लिया है, जिनका इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। यह नियुक्ति लद्दाख में राजनीतिक स्थिरता और प्रशासनिक प्रभावशीलता को और मज़बूत करने की दिशा में देखी जा रही है।
तीनों नियुक्तियों का क्या मतलब है?
विशेषज्ञों का मानना है कि इन तीनों नियुक्तियों के पीछे केंद्र सरकार का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशासनिक अनुभव, राजनीतिक समझ और शिक्षाविद दृष्टिकोण का बेहतर संतुलन लाना है।
इन नए चेहरों से अपेक्षा की जा रही है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सुधारवादी, समावेशी और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएंगे।
