अदालत ने कार्टूनिस्ट को नहीं दी राहत, कहा– संवेदनशीलता की कमी, अगली सुनवाई मंगलवार
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बनाए गए कथित आपत्तिजनक कार्टून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी की। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि “ऐसे लोगों की वजह से देश का सौहार्द खराब होता है।” पीठ ने कार्टूनिस्ट के रवैये पर नाराजगी जाहिर की और तत्काल कोई राहत देने से इनकार कर दिया।
“आप ये सब क्यों करते हैं?” – कोर्ट का सवाल
अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कार्टूनिस्ट के इरादों और संवेदनशीलता पर सवाल उठाए। जस्टिस धूलिया ने कहा, “आप ये सब क्यों करते हैं?” कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि यह ठीक नहीं कि लोग कुछ भी करते रहें और फिर माफी मांगकर केस खत्म करने की उम्मीद रखें।
“घटिया हो सकता है, लेकिन अपराध नहीं”: वकील की दलील
कार्टूनिस्ट की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने दलील दी कि भले ही कार्टून घटिया या आपत्तिजनक हो, लेकिन उसे आपराधिक कृत्य नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा, “मैं कानून के पक्ष में बोल रही हूं, न कि किसी विचार को सही ठहरा रही हूं।”
कोर्ट ने राहत देने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “ऐसे लोग देश का सौहार्द खराब करते हैं और बाद में कहते हैं कि माफ़ी मांगते हैं।” अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सोमवार को कोई आदेश नहीं दे रही है।
अगली सुनवाई मंगलवार को
कार्टूनिस्ट के वकील ने बताया कि उनका मुवक्किल आपत्तिजनक सामग्री हटाने को तैयार है। कोर्ट ने मामला मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया है।
नोट: यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन को लेकर एक और संवेदनशील मिसाल बनता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की अगली टिप्पणी इस बहस की दिशा तय कर सकती है।