दिल्ली: कांवड़ रूट पर कांच के टुकड़ों का मामला सुलझा, पुलिस ने बताया- “साजिश नहीं, ई-रिक्शा चालक की लापरवाही थी”

बीजेपी नेताओं ने बताया था सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश, पुलिस ने जांच के बाद दी सफाई— हादसा अनजाने में हुआ

नई दिल्ली


दिल्ली के शालीमार गार्डन इलाके में कांवड़ रूट पर कांच के टुकड़े मिलने की घटना पर शुरू हुआ विवाद अब पुलिस जांच के बाद शांत होता दिख रहा है। शुरुआती आरोपों के बीच पुलिस ने इस मामले को साजिश नहीं, बल्कि एक दुर्घटना बताया है।


क्या था मामला?

सावन के महीने में देशभर से लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। दिल्ली में कई कांवड़ रूट बनाए गए हैं ताकि कांवड़ियों को सुविधाजनक और सुरक्षित रास्ता मिले। इसी दौरान, शालीमार गार्डन इलाके में करीब एक किलोमीटर तक सड़क पर कांच के टुकड़े बिखरे पाए गए।

इस पर बीजेपी विधायक संजय गोयल और कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया कि यह घटना “सौहार्द बिगाड़ने और कांवड़ यात्रा में बाधा डालने” के उद्देश्य से की गई साजिश है।


पुलिस की जांच: साजिश नहीं, हादसा था

हालांकि, पुलिस जांच ने इन आरोपों से अलग एक तथ्यात्मक तस्वीर पेश की है। जांच में सामने आया कि यह घटना एक ई-रिक्शा चालक की लापरवाही के कारण हुई थी।

पुलिस के अनुसार, कुसुम पाल (43 वर्ष) नामक ई-रिक्शा चालक गाजियाबाद के शालीमार गार्डन से सीलमपुर की ओर 19 शीशे की शीट्स लेकर जा रहा था। इसी दौरान ई-रिक्शा को पीछे से एक वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे कांच की शीट्स टूटकर सड़क पर बिखर गईं।


ई-रिक्शा चालक की पहचान और स्थिति

कुसुम पाल नंद नगरी का मूल निवासी है और वर्तमान में डीएलएफ गाजियाबाद में किराये पर रह रहा है। उसके वाहन से गिरे कांच के टुकड़े अनजाने में कांवड़ मार्ग पर बिखर गए, जिससे कांवड़ियों और राहगीरों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ।


FIR दर्ज, जांच अब भी जारी

एक PWD इंजीनियर की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। शुरुआती जांच में अब तक कोई साजिश या जानबूझकर की गई हरकत सामने नहीं आई है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि हादसा अवांछित, लेकिन जानबूझकर नहीं था। फिलहाल मामले की आंतरिक जांच जारी है।


राजनीतिक बयानबाज़ी थमी, सवाल फिर भी बरकरार

हालांकि पुलिस ने साजिश की संभावना को खारिज कर दिया है, लेकिन सवाल उठता है कि ऐसे संवेदनशील समय में, बिना जांच के सख्त बयान देना क्या उचित है?
यह घटना यह भी बताती है कि शहर में कांवड़ यात्रा जैसे आयोजनों के दौरान सतर्कता और संचार की गुणवत्ता कितनी ज़रूरी है।

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