क्या थरूर के बयान से कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ेंगी?
नई दिल्ली – कांग्रेस सांसद शशि थरूर एक बार फिर अपने बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें वैश्विक मंच पर भारत के लिए ‘प्राइम एसेट’ बताया है। थरूर ने यह टिप्पणी एक अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में प्रकाशित लेख में की, जिसमें उन्होंने हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसके बाद भारत की कूटनीतिक सक्रियता को भी रेखांकित किया।
थरूर ने कहा कि पीएम मोदी की ऊर्जा, बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता भारत की विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण हैं और इन्हें और समर्थन की आवश्यकता है। उन्होंने इस प्रयास को “राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद का क्षण” करार दिया।
शशि थरूर हाल ही में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका समेत पांच देशों के दौरे पर गए थे। उन्होंने वहां भारत के रुख को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया और ऑपरेशन सिंदूर के बाद की रणनीति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रखा। थरूर के बयान से कांग्रेस असहज
शशि थरूर का यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि भारत वैश्विक मंचों पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है और विदेश नीति कमजोर हुई है। ऐसे में पार्टी के ही वरिष्ठ नेता थरूर की मोदी की तारीफ, कांग्रेस के लिए राजनीतिक असहजता का कारण बन सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि थरूर के इस रुख से पार्टी के अंदर विचारधारात्मक मतभेद और गहरे हो सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इस बयान पर क्या रुख अपनाता है और थरूर की पार्टी में भूमिका आगे कैसी रहेगी।