मिल्कीपुर पहुंचा सपा का प्रतिनिधिमंडल, ग्रामीणों के साथ अत्याचार नहीं होने देने का आश्वासन

चंदौली – राल्हूपुर में बन रहे बंदरगाह तथा फ्रेट विलेज के लिए भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा न मिलना तथा जबरिया अधिग्रहण को लेकर जो विवाद चल रहा है उसके संदर्भ में ग्रामीणों ने 28 जून को लखनऊ सपा कार्यालय पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलकर गुहार लगाई थी जिस पर उन्होंने प्रतिनिधिमंडल भेजने का वादा किया था।

उसी के तहत 9 अगस्त को सपा का एक प्रतिनिधिमंडल नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद उत्तर प्रदेश लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में ग्रामीणों से मिलने मिल्कीपुर पहुंचा।

प्रतिनिधि मंडल में लाल बिहारी यादव नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद उत्तर प्रदेश, वीरेंद्र सिंह सांसद चंदौली, प्रभु नारायण सिंह यादव विधायक सकलडीहा, सत्यनारायण राजभर जिला अध्यक्ष, चंद्रशेखर यादव, मनोज सिंह काका, अयूब खान गुड्डू, संतोष यादव, सुदामा यादव, तस्लीम अंसारी, गार्गी सिंह पटेल, डॉ वीरेंद्र बिन्द, चंद्रभानु यादव, परवेज़ जोखू, शाहिद शिब्बू, शशांक ने ग्रामीणों से मुलाक़ात कर प्रकरण का संज्ञान लिया।

ग्रामीणों की मांग हैं कि

1- ग्रामीणों तथा 5 लोगो पर नामज़द हुईं FIR को वापस लिया जाए

2- गाँव की आबादी को अधिग्रहण से बाहर रखा जाए

3- शमशान घाट जाने के लिए 20 फीट का रास्ता दिया जाए

4- होलिका के स्थान को छोड़ जाए

5- गंगा जाने वाले रास्ते को बंद ना किया जाए क्योंकि हमारे मांझी समाज का जीवन यापन ही मां गंगा से है

6- यह सारी प्रक्रिया लिखित होना चाहिए

7- जो किसान प्रभावित हैं उनके भूमि का मुआवजा मार्केट रेट का चार गुना हो

8- बिना नोटिस तथा पूर्व सूचना के इस प्रकार जबरिया अधिग्रहण पर रोक हो

9- जितने किसानों ने अपनी जमीन बंदरगाह को रजिस्ट्री की है उसकी सूची उपलब्ध कराई जाए

10- बंदरगाह तथा फ्रंट विलेज के लिए कितनी भूमि की आवश्यकता है उसको स्पष्ट किया जाए तथा यह परियोजना कहां तक जाएगी उसको बताया जाए क्योंकि इनका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा हैं अतः अपने मैप को सार्वजनिक करें जिससे कि ग्रामीणों में जो शंका हैं वो स्पष्ट हों सके

11- ताहीरपुर तथा मिल्कीपुर के ज़मीन की रजिस्ट्री को चालू किया जाए

12- 2018 से जब परियोजना शुरू हुई तब कहीं भी गैर मुमकिन भूमि का कही कोई नामोनिशान नहीं था लेकिन जब लोगों ने भूमि देने से इनकार किया तब 2023 के बाद रजिस्ट्री की भूमि को गैर मुमकिन बनाया गया जिसे हटाया जाए

13- अधिग्रहण में 415 परिवार में से जिन 17 परिवारों को विस्थापन के तहत भूमि दी जा रही थी सबसे पहले उन 17 प्रभावित लोगों को भूमि उपलब्ध करा कर निर्माण करवाने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाए….ये पत्रक उन्हें सौपा गया।

इस मौके पर ईशान मिल्की, डब्लू साहनी, वीरेंद्र साहनी, आस मोहम्मद, सुरेश कुमार, ताजुद्दीन, आफताब अहमद, शमीम मिल्की, नफिस मिल्की, नफीस अहमद, औसाफ गुड्डू, मुसाफिर सिंह चौहान, अब्दुल कैसर, नावेद, फतेह, भाईराम साहनी, कन्हैया राव, सुजीत साहनी, रतन साहनी, राजेश साहनी, विद्याधर मास्टर, अखिलेश सिंह, चंद्रप्रकाश मौर्या, विनय मौर्या, गुड्डू, जमील अहमद, संजय यादव, शंकर साहनी, एवं सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

रिपोर्ट – ईशान मिल्की

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