चंदौली – रक्षा बंधन के पावन पर्व पर बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधकर न केवल प्रेम और स्नेह का इजहार किया, बल्कि हिन्दू-मुस्लिम एकता और भाईचारे का भी संदेश दिया।
मिल्कीपुर निवासी ईशान मिल्की के पुत्र शान मिल्की और सुरेश कुमार की बेटी सौम्या के बीच का रिश्ता इसका एक सुंदर उदाहरण है। शान मिल्की और सौम्या की दोस्ती और भाईचारे का रिश्ता उन लोगों के लिए एक करारा जवाब है।
जो धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। रक्षा बंधन के इस पर्व पर दोनों ने एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को दिखाया और साबित किया कि धर्म से ऊपर इंसानियत है।

आज के समय में जब नफरत और विभाजन की राजनीति जोरों पर है, ऐसे में रक्षा बंधन जैसे त्योहार हमें एकता और भाईचारे का महत्व याद दिलाते हैं। शान और सौम्या की कहानी उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो समाज में प्रेम और सौहार्द बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
रक्षा बंधन के इस पर्व पर शान और सौम्या की दोस्ती ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हिन्दू और मुस्लिम एक दूसरे के साथ प्रेम और सौहार्द के साथ रह सकते हैं। यह एकता और भाईचारे का संदेश समाज के लिए एक आदर्श उदाहरण है
रक्षा बंधन का यह पर्व हमें याद दिलाता है कि हमें धर्म, जाति और पंथ से ऊपर उठकर एक दूसरे के साथ प्रेम और सौहार्द के साथ रहना चाहिए। शान और सौम्या की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची दोस्ती और भाईचारा ही समाज को मजबूत बना सकता है।
रिपोर्ट – ईशान मिल्की