आंध्र प्रदेश: अन्नामय्या में आम से लदा ट्रक पलटा, 9 मजदूरों की मौत, 11 घायल

रात के अंधेरे में हुआ भीषण हादसा, ट्रक में आम की बोरियों के ऊपर बैठे थे दिहाड़ी मजदूर, मुख्यमंत्री नायडू ने जताया शोक

अन्नामय्या (आंध्र प्रदेश)


आंध्र प्रदेश के अन्नामय्या जिले में रविवार रात एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जब आम से लदा एक ट्रक पलट गया। हादसे में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मृतकों में 5 महिलाएं शामिल हैं। यह दुर्घटना पुल्लमपेट मंडल के रेड्डीचेरुवु कट्टा के पास हुई, जो कडप्पा शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर है।


रेत में फंसा पहिया, संतुलन बिगड़ा और ट्रक पलटा

पुलिस के अनुसार, यह हादसा रविवार रात लगभग 9:30 बजे हुआ, जब एक लॉरी का पिछला पहिया सड़क किनारे की रेत में फंस गया और वह संतुलन खो बैठी। इसी दौरान एक मिनी ट्रक, जिसमें मजदूर और आम लदे थे, उसकी चपेट में आ गया और पलट गया।

ट्रक में 30-40 टन आम के साथ-साथ 20 से अधिक मजदूर भी सवार थे, जो आम की बोरियों के ऊपर बैठे थे। ये मजदूर राजमपेटा के इसुकापल्ली और आसपास के गांवों से काम कर लौट रहे थे और सभी का संबंध रेलवे कोडुरु और तिरुपति जिले के वेंकटगिरी मंडल से था।


मजदूर दबे आम की बोरियों के नीचे, मौके पर ही 8 की मौत

हादसे के बाद का दृश्य बेहद हृदयविदारक था। मजदूर आम की भारी बोरियों के नीचे दब गए। 8 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य मजदूर मुनिचंद्रा (38) ने राजमपेट अस्पताल में दम तोड़ दिया। घायलों का इलाज नजदीकी अस्पतालों में चल रहा है और कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।


मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया गहरा दुख

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर शोक जताते हुए अधिकारियों से घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देगी और घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।


सरकारी सहायता और जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हादसे की गहन जांच की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें। साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि घायलों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिले।


ग्रामीण इलाकों में मजदूरों की सुरक्षा पर उठे सवाल

यह हादसा एक बार फिर से उन दिहाड़ी मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है, जो खुले ट्रकों में सफर करने को मजबूर हैं। ग्रामीण इलाकों में मालवाहक ट्रकों में मानव ढुलाई एक आम बात है, लेकिन इससे जुड़े जोखिम और लापरवाही की कीमत अक्सर जान देकर चुकानी पड़ती है।

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