लुइसियाना में भारतीय मूल के चंद्रकांत पटेल समेत चार पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज, हजारों डॉलर में कराता था फर्जी अपराध रिपोर्ट तैयार
अमेरिका में भारतीय मूल के एक व्यवसायी और चार पुलिस अधिकारियों पर वीजा धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगा है। लुइसियाना राज्य में रहने वाले चंद्रकांत पटेल पर आरोप है कि वह प्रवासियों को ‘यू वीजा’ दिलाने के लिए झूठी पुलिस रिपोर्ट बनवाता था और इसके बदले हजारों डॉलर वसूलता था। इस पूरे मामले में बुधवार को पटेल समेत चार अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों को आरोपित किया गया है।
यू वीजा के नाम पर बड़ा खेल
अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, चंद्रकांत पटेल अमेरिकी आव्रजन कानून के तहत ‘यू नॉन-इमिग्रेंट वीजा स्टेटस’ (U Visa) के लिए फर्जी आधार तैयार करता था। इस वीजा के तहत ऐसे प्रवासियों को अमेरिका में रहने का अधिकार मिलता है जो गंभीर अपराधों के पीड़ित हों और पुलिस जांच में सहयोग करते हों।
लेकिन इस मामले में प्रवासियों को पीड़ित दिखाने के लिए पटेल ने पुलिस अधिकारियों से सांठगांठ कर झूठी रिपोर्टें दर्ज करवाईं — जिनमें सशस्त्र डकैती जैसे अपराधों का जिक्र होता था।
किन अधिकारियों पर लगा आरोप?
इस मामले में जिन कानून अधिकारियों के नाम शामिल हैं, वे हैं:
- चाड डॉयल
- ग्लिन डिक्सन
- टेबो ओनिशिया
- सिटी मार्शल माइकल स्लेने
इन पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर झूठी आपराधिक रिपोर्टें तैयार कीं ताकि प्रवासियों को यू वीजा मिल सके। सभी आरोप Lafayette फेडरल कोर्ट में दर्ज किए गए हैं।
कैसे काम करता था घोटाला?
चंद्रकांत पटेल, जो लुइसियाना में दो दुकानों और एक फास्ट-फूड रेस्तरां का मालिक है, प्रवासियों से संपर्क करता था या वे उससे संपर्क करते थे। फिर वह उन्हें यू वीजा दिलाने के लिए हजारों डॉलर वसूल करता था। बदले में वह स्थानीय पुलिस से फर्जी पुलिस रिपोर्ट तैयार करवाता था जिसमें उन्हें किसी अपराध का पीड़ित दिखाया जाता।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि खुद पटेल को भी 2023 में यू वीजा मिला था, जो एक कथित सशस्त्र डकैती की रिपोर्ट पर आधारित था — जिसकी अब जांच की जा रही है।
कौन कर रहा है जांच?
इस घोटाले की जांच और अभियोजन अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी टास्क फोर्स द्वारा की जा रही है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में स्थापित किया गया था। अमेरिकी आव्रजन एजेंसी USCIS की रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह की धोखाधड़ी देश की सुरक्षा और नीति दोनों के लिए खतरा बन सकती है।
निष्कर्ष:
यह मामला अमेरिकी इमिग्रेशन सिस्टम में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार और इसके दुरुपयोग की ओर इशारा करता है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह न केवल चंद्रकांत पटेल बल्कि अमेरिकी पुलिस सिस्टम की साख पर भी गंभीर सवाल खड़ा करेगा।
सब-हेडलाइन:
लुइसियाना में भारतीय मूल के चंद्रकांत पटेल समेत चार पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज, हजारों डॉलर में कराता था फर्जी अपराध रिपोर्ट तैयार
न्यूयॉर्क | रिपोर्ट: धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा
अमेरिका में भारतीय मूल के एक व्यवसायी और चार पुलिस अधिकारियों पर वीजा धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगा है। लुइसियाना राज्य में रहने वाले चंद्रकांत पटेल पर आरोप है कि वह प्रवासियों को ‘यू वीजा’ दिलाने के लिए झूठी पुलिस रिपोर्ट बनवाता था और इसके बदले हजारों डॉलर वसूलता था। इस पूरे मामले में बुधवार को पटेल समेत चार अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों को आरोपित किया गया है।
यू वीजा के नाम पर बड़ा खेल
अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, चंद्रकांत पटेल अमेरिकी आव्रजन कानून के तहत ‘यू नॉन-इमिग्रेंट वीजा स्टेटस’ (U Visa) के लिए फर्जी आधार तैयार करता था। इस वीजा के तहत ऐसे प्रवासियों को अमेरिका में रहने का अधिकार मिलता है जो गंभीर अपराधों के पीड़ित हों और पुलिस जांच में सहयोग करते हों।
लेकिन इस मामले में प्रवासियों को पीड़ित दिखाने के लिए पटेल ने पुलिस अधिकारियों से सांठगांठ कर झूठी रिपोर्टें दर्ज करवाईं — जिनमें सशस्त्र डकैती जैसे अपराधों का जिक्र होता था।
किन अधिकारियों पर लगा आरोप?
इस मामले में जिन कानून अधिकारियों के नाम शामिल हैं, वे हैं:
- चाड डॉयल
- ग्लिन डिक्सन
- टेबो ओनिशिया
- सिटी मार्शल माइकल स्लेने
इन पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर झूठी आपराधिक रिपोर्टें तैयार कीं ताकि प्रवासियों को यू वीजा मिल सके। सभी आरोप Lafayette फेडरल कोर्ट में दर्ज किए गए हैं।
कैसे काम करता था घोटाला?
चंद्रकांत पटेल, जो लुइसियाना में दो दुकानों और एक फास्ट-फूड रेस्तरां का मालिक है, प्रवासियों से संपर्क करता था या वे उससे संपर्क करते थे। फिर वह उन्हें यू वीजा दिलाने के लिए हजारों डॉलर वसूल करता था। बदले में वह स्थानीय पुलिस से फर्जी पुलिस रिपोर्ट तैयार करवाता था जिसमें उन्हें किसी अपराध का पीड़ित दिखाया जाता।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि खुद पटेल को भी 2023 में यू वीजा मिला था, जो एक कथित सशस्त्र डकैती की रिपोर्ट पर आधारित था — जिसकी अब जांच की जा रही है।
कौन कर रहा है जांच?
इस घोटाले की जांच और अभियोजन अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी टास्क फोर्स द्वारा की जा रही है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में स्थापित किया गया था। अमेरिकी आव्रजन एजेंसी USCIS की रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह की धोखाधड़ी देश की सुरक्षा और नीति दोनों के लिए खतरा बन सकती है।
निष्कर्ष:
यह मामला अमेरिकी इमिग्रेशन सिस्टम में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार और इसके दुरुपयोग की ओर इशारा करता है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह न केवल चंद्रकांत पटेल बल्कि अमेरिकी पुलिस सिस्टम की साख पर भी गंभीर सवाल खड़ा करेगा।