पापांकुशा एकादशी का महत्व-
पापांकुशा एकादशी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी संचित पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि – सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा करें और उन्हें रोली, अक्षत, पीले फूल, तुलसी दल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और भगवान विष्णु के मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करें।
रात्रि में जागरण करें और भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करें।
दान का महत्व – पापांकुशा एकादशी पर दान करना अत्यधिक पुण्यदायी माना जाता है। इस दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन, अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान करना चाहिए।
पारण समय – पापांकुशा एकादशी का पारण 4 अक्टूबर को सुबह 06:16 बजे से 08:37 बजे के बीच करना उचित रहेगा।
शुभ मुहूर्त –
अभिजीत मुहूर्त: 11:52 AM – 12:39 PM
अमृत काल: 10:55 PM – 12:29 AM
ब्रह्म मुहूर्त: 04:47 AM – 05:35 AM ¹
विशेष ध्यान – इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को झूठ नहीं बोलना चाहिए और क्रोध नहीं करना चाहिए।
इस दिन अन्न और दालों का सेवन वर्जित होता है।
भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और रुके हुए कार्यों में सफलता मिलती है।
