वाराणसी –
पुलिस के द्वारा फ़र्ज़ी मुकदमे लगाये जाने व उत्पीड़न के ख़िलाफ़ परिवादी ने न्याय के लिए न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया है। फतेहपुर, थाना बड़ागांव निवासी परिवादी राहुल सिंह एडवोकेट ने अपने फौजदारी अधिवक्ता लक्ष्मण प्रसाद शास्त्री के माध्यम से अपर मुख्य न्यायाधीश (चतुर्थ) की अदालत में परिवाद प्रस्तुत किया था,
जिसे न्यायालय आदेश 29 जुलाई 2015 द्वारा प्रकीण संख्या 2595/2025 दर्ज कर सुनवाई करते हुए धारा 223 (2) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत पुलिस कमिश्नर वाराणसी, थानाध्यक्ष फूलपुर, डीसीआरबी प्रभारी को जवाब देही के लिए नोटिस जारी हुआ व जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी सहित डी . आई. जी. से प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों के बाबत आख्या आहूत किए जाने के लिए तिथि 28 अगस्त 2025 नियत की गई।
परिवादी राहुल सिंह (अधिवक्ता) का आरोप है कि अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) नीरज कुमार त्रिपाठी की अदालत ने अपराध संख्या 58 सन् 2022 अंतर्गत धारा 504, 506, भा द वि मे 31 अक्टूबर 2014 को आरोप के साक्ष्य न होने पर दोष मुक्त किए जाने के पश्चात भी पुलिस कमिश्नर वाराणसी, थाना फुलपुर व डीसीआरवी वाराणसी द्वारा अपराध में मुलजिम बताते हुए परिवादी का उत्पीड़न किया जा रहा हैं।