शहाबगंज, चंदौली –
स्थानीय विकासखंड के गोविंदपुर रजवाहा पर सेमरा फाल का निर्माण मानक के अनुरूप न होने से इलाके के किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सेमरा फाल को मानक से करीब डेढ़ से दो फीट नीचे बना दिया गया, जिससे बेलासपुर, सेमरा, हबीबपुर, सारिंगपुर, शहाबगंज और मसोईं माइनर के सैकड़ों किसानों की लगभग 400–500 बीघा जमीन की सिंचाई संकट में पड़ गई है।
किसान विकास मंच के संगठन मंत्री राम अवध सिंह के नेतृत्व में किसानों ने अधिशासी अभियंता, एसडीओ और अवर अभियंता से इस संबंध में शिकायत की। शिकायत के बाद दो दिन पहले अधिशासी अभियंता और एसडीओ ने मौके पर पहुँचकर स्थिति का मुआयना किया और अवर अभियंता को निर्देश दिए कि फिलहाल बांस, बल्ली और पत्थर लगाकर पानी का स्तर ऊँचा किया जाए, ताकि कुलावा पानी पकड़ सके। साथ ही, यह भी कहा गया कि जब नहर बंद होगी तब फाल की ऊँचाई स्थायी रूप से बढ़ाई जाए।
हालाँकि, बांस–बल्ली और पत्थर लगाने के बाद भी किसानों की समस्याओं में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। पानी की रफ्तार बेहद धीमी है और मसोईं माइनर तक पर्याप्त पानी नहीं पहुँच रहा। कई जगह किसानों ने खुद ही माइनर में बेंड़े (अवरोध) लगाकर पानी रोकने की कोशिश की।मसोईं के किसान रमेश सिंह ने बताया, हमारे सिवान में अब तक एक लोटा पानी भी नहीं पहुँचा।

बीलासपुर के किसान दीपक सिंह ने कहा, पहले तो गोविंदपुर नहर बहुत देर से खोली गई, अब फाल मानक से नीचे होने के कारण कुलावा पर्याप्त पानी नहीं दे पा रहा। हमने बंटाई पर 20 बीघा खेत 25 हजार रुपये में लिया है। अगर समय पर रोपाई नहीं हुई तो हमें आत्मदाह करने की नौबत आ जाएगी।इस संबंध में अवर अभियंता कविराज ने कहा कि अभी काम पूरी तरह से नहीं हुआ है। अब तक लगभग 20–30 प्रतिशत काम ही हुआ है। जब नहर बंद होगी तब फाल की ऊँचाई बढ़ाने और काम को पूरी तरह पूरा करने का कार्य कराया जाएगा।
किसानों ने विभागीय अधिकारियों से जल्द स्थायी समाधान की मांग की है ताकि खेतों की रोपाई समय से पूरी हो सके और उन्हें भारी नुकसान से बचाया जा सके।
रिपोर्ट – मोहम्मद तस्लीम