मुंबई
टीवी एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला के अचानक निधन ने न केवल टेलीविजन इंडस्ट्री को झकझोर कर रख दिया, बल्कि उनके चाहने वालों को भी गहरे सदमे में डाल दिया। महज 42 साल की उम्र में उनकी असमय मौत ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। उनकी मौत के बाद जहां सोशल मीडिया पर सहानुभूति और संवेदना की लहर देखने को मिली, वहीं कुछ ट्रोलर्स की बेरहम प्रतिक्रियाओं ने भी सबका ध्यान खींचा।
पराग त्यागी पर लगा “अटेंशन सीकर” का आरोप
एक्ट्रेस के पति पराग त्यागी, जो अपनी पत्नी को खोने के ग़म से उबर नहीं पाए हैं, अक्सर सोशल मीडिया पर शेफाली की यादों से जुड़ी पोस्ट साझा करते हैं। हाल ही में उन्होंने एक इमोशनल तस्वीर साझा की जिसमें शेफाली का हाथ उनके हाथों में नज़र आ रहा है। उन्होंने इसके कैप्शन में लिखा, “हमेशा के लिए साथ।”
जहाँ इस पोस्ट पर फैन्स ने उन्हें प्यार और समर्थन दिया, वहीं कुछ ट्रोलर्स ने उन्हें “अटेंशन सीकर” तक कह दिया।
“यह अकाउंट अब सिर्फ परी के लिए है” — पराग का करारा जवाब
इन ट्रोलिंग का जवाब देते हुए पराग त्यागी ने न केवल अपनी भावनाएं स्पष्ट कीं, बल्कि ट्रोलर्स को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा:
“जो लोग कह रहे हैं कि मैं इतनी जल्दी पोस्ट क्यों कर रहा हूं, उनसे कहना चाहता हूं — सब आपकी तरह नहीं होते। परी को सोशल मीडिया बहुत पसंद था, उसे लोगों से प्यार मिलना अच्छा लगता था।”
“मैं कभी सोशल मीडिया पर नहीं रहा, लेकिन अब वो मेरे दिल में है। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि उसे सबका प्यार मिलता रहे, भले ही वह अब हमारे बीच न हो।”
“यह अकाउंट अब सिर्फ शेफाली को समर्पित है। मैं उसकी यादों को उन सभी लोगों के साथ साझा करता रहूंगा जो उससे सच्चा प्यार करते हैं।”
“मुझे ट्रोल्स की परवाह नहीं, लेकिन उन लोगों की परवाह है जिन्होंने शेफाली को सराहा, प्यार किया और आज भी याद करते हैं।”
भावुक पोस्ट को मिला फैन्स का साथ
पराग की इस प्रतिक्रिया पर बड़ी संख्या में फैन्स और सेलेब्रिटीज़ ने उन्हें सपोर्ट किया और उन्हें भावनात्मक रूप से मज़बूत बने रहने का संदेश दिया। कई लोगों ने लिखा कि “शेफाली आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं, और आप उनके ज़रिए उन्हें फिर से जी रहे हैं।”
शेफाली जरीवाला की मौत भले ही एक अपूरणीय क्षति हो, लेकिन पराग त्यागी का अपनी पत्नी की यादों को जिंदा रखने का तरीका दिल को छू जाता है। ट्रोलर्स के बीच भी उन्होंने जो हिम्मत दिखाई है, वह न केवल प्रेरणादायक है बल्कि इस बात का उदाहरण भी कि प्यार की अभिव्यक्ति पर किसी का हक नहीं चल सकता।