एन. रामचंदर राव को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर जताई नाराजगी, बोले– कार्यकर्ताओं की पीड़ा दिल्ली तक नहीं पहुंचा सका
हैदराबाद: तेलंगाना के गोशामहल से विधायक और भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेता टी. राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इस्तीफे के बाद राजा सिंह ने स्पष्ट किया कि वे अंतिम सांस तक हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और सनातन धर्म की सेवा करते रहेंगे।
राजा सिंह ने 30 जून 2025 को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उनका यह कदम एन. रामचंदर राव को तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में उठाया गया था। अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
“मेरा जन्म हिंदुत्व की सेवा के लिए हुआ है”
इस्तीफे के बाद जारी अपने बयान में टी. राजा सिंह ने कहा,
“आज से ठीक 11 साल पहले मैंने भाजपा की सदस्यता ली थी। मेरा उद्देश्य था – जनता की सेवा, देश की सेवा और हिंदुत्व की रक्षा। मेरा जन्म ही हिंदुत्व की सेवा के लिए हुआ है और मैं पूरी निष्ठा के साथ अंतिम सांस तक उसी राह पर काम करता रहूंगा।”
“भाजपा का आभार, लेकिन कार्यकर्ताओं की आवाज़ न सुनी गई”
राजा सिंह ने कहा कि भाजपा ने उन पर विश्वास करते हुए तीन बार उन्हें गोशामहल से विधानसभा टिकट दिया, इसके लिए उन्होंने पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त किया।
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा:
“मैं लाखों कार्यकर्ताओं की पीड़ा दिल्ली तक नहीं पहुंचा सका। मेरा इस्तीफा किसी पद, सत्ता या व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नहीं है।”
क्या है इस्तीफे की वजह?
राजा सिंह ने पार्टी पर कार्यकर्ताओं की अनदेखी और गलत नेतृत्व चयन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर एन. रामचंदर राव की नियुक्ति भाजपा की राज्य रणनीति के खिलाफ है।
हालांकि उन्होंने साफ किया कि पार्टी से अलग होने का मतलब हिंदुत्व की विचारधारा से अलग होना नहीं है। वह अब भी राष्ट्रवाद और सनातन संस्कृति की सेवा में जुटे रहेंगे।