अयोध्या
भगवान राम की नगरी में गुरु पूर्णिमा के पावन मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं, सुबह से ही सरयू स्नान कर मंदिरों में पूजन अर्चन के बाद अपने-अपने गुरु की पूजा कर रहे है। अयोध्या गुरु शिष्य परंपरा की प्राचीन निर्वहन आज भी राम नगरी में देखने को मिलता है।
मंदिर और मूर्तियों के शहर में राम भक्त गुरु वंदना के लिए पहुंचे हैं और आज पूरा दिन गुरु पूर्णिमा के मौके पर मंदिरों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भंडारे का भव्य आयोजन किया गया है।जिसमें श्रद्धालु अपने गुरुद्वारों में गुरुओं की पूजन करके अपने जीवन को आत्मसात करेंगे।

कबीर दास ने कहा है गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागे पाय बलिहारी गुरु आपकी गोविंद दियो बताएं।
गुरु की कृपा जीवन को सार्थक बनाने के लिए बहुत जरूरी है ईश्वरीय कृपा मिलती है लेकिन जीवन में मार्गदर्शन गुरु ही दे सकता है। अयोध्या के प्रत्येक मठ मंदिरों में भक्त अपने अपने गुरु की पूजा कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। सुबह से ही गुरु आराधना के लिए श्रद्धालु पहुंचे हैं और दूर दराज से अयोध्या पहुंचे श्रद्धालु अपने गुरुओं की पूजा कर खुद को सौभाग्यशाली मानते हुए गुरु का आशीर्वाद ले रहे हैं।

हनुमानगढी के महंत ज्ञान दास के उत्तराधिकारी महंत सजय दास ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है शिष्य अपने गुरु का पूजन कर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं और गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा दूर-दराज से श्रद्धालु आए हैं सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा जिसका आज भी निर्वहन हो रहा है और महंत कृपालु दास ने कहा जीवन में सदमार्ग के लिए गुरु की कृपा बहुत ही आवश्यक है.
मान्यता है कि आज के ही दिन विष्णु भगवान वेद व्यास के रूप में जन्म लिया था।
रिपोर्ट – सोनू चौधरी