नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर नौ जुलाई को देश भर में करीब 27 लाख बिजली कर्मचारी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। राष्ट्रव्यापी हड़ताल में प्रदेश के एक लाख से अधिक बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता पूरे दिन कार्यस्थलों के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों के मुताबिक निजीकरण के विरोध में हो रही इस हड़ताल को उपभोक्ताओं व किसानों का भी समर्थन है, इसलिए बिजली सेवाएं बाधित नहीं की जाएंगी।
हड़ताल के दौरान उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत न हो इसके लिए एक टीम सभी जिलों में बनाई गई है। हड़ताल में बिजली के साथ रेल, बैंक, बीमा, बीएसएनएल, पोस्टल, केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी, निजी कल कारखानों के कर्मचारी भी शामिल होंगे।
समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के नोटिस में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह हस्तक्षेप कर राज्य सरकार को निर्देश दे कि पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का फैसला वापस ले।
वहीं, हड़ताल में संयुक्त किसान मोर्चा भी शामिल होगा। मोर्चा ने 4 श्रम संहिताओं को निरस्त करने, सार्वजनिक उपक्रमों व सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण रोकने, रोजगार में ठेका प्रथा और अनियमितता समाप्त करना तथा न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये प्रतिमाह करने की मांग की।