वाराणसी
रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन के तत्वावधान में नदेसर स्थित होटल ताज के दरबार हॉल में “काशी एम.एस.एम.ई. कॉन्क्लेव” का भव्य आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, एम.एस.एम.ई. व निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार रहे।
कॉन्क्लेव की शुरुआत रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन के अध्यक्ष देव भट्टाचार्य, कार्यक्रम संयोजक विनम्र अग्रवाल और सौरभ शाह द्वारा औद्योगिक विकास से जुड़ी प्रमुख समस्याओं को प्रमुख सचिव के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हुई।
वक्ताओं ने वीडीए द्वारा औद्योगिक भूखंडों पर मानचित्र स्वीकृति हेतु वसूले जाने वाले 1000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के विकास शुल्क को अत्यधिक बताते हुए इसे यूपीसीडा के समान 80 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने की मांग की।
उनका कहना था कि अत्यधिक शुल्क पूर्वांचल में औद्योगिक विकास को बाधित कर रहा है। इसके अतिरिक्त निवेश मित्र पोर्टल में आ रही तकनीकी व विभागीय बाधाओं को दूर करने, उद्योगों को सोलर सब्सिडी देने तथा टाउनशिप डेवलपमेंट के लिए न्यूनतम भूमि मानक को 25 एकड़ से घटाकर 10 एकड़ करने की भी मांग रखी गई।
गोविंद केजरीवाल, आकाश दीप गुप्ता और ऋषभ चंद्र जैन ने वाराणसी में एच.एफ.एल. को हटाने का भी मुद्दा उठाया। बिजली दरों में वृद्धि के कारण उद्योगों को हो रही समस्याएं भी सामने आईं, जिसे अमित गुप्ता, जय प्रकाश पांडे और सी.पी. सिंह ने विस्तार से बताया।
जवाब में प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि काशी से आए सुझावों को लखनऊ में उच्च स्तर पर रखा जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि निवेश मित्र पोर्टल को और अधिक पारदर्शी व सरल बनाया जा रहा है,
जिससे अग्निशमन, प्रदूषण नियंत्रण और विद्युत सुरक्षा जैसे विभागों से जुड़ी असुविधाएं कम होंगी और उद्यमियों को चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश इस समय देश में एमएसएमई उत्पादन में अग्रणी है और यहां के उद्यमी प्रशंसा के पात्र हैं।
महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष सब्सिडी योजनाएं चलाई जा रही हैं। वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने उद्यमियों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।
कार्यक्रम का संचालन पंकज भार्गव ने किया। इस अवसर पर सतीश गुप्ता, पंकज बिजलानी, अशोक सुल्तानिया, त्रिभुवन सिंह, रवि कपूर सहित सैकड़ों उद्यमी उपस्थित रहे।
